Thursday, February 07, 2019

14 Vidya और 64 Kala

बहुत बार बड़े-बुजुर्ग लोगों के  वाणी से 14 चौदह विद्या और 64 चौसठ कलाएं होती है ऐसे कहते सुना है. परन्तु कभी पुछा नहीं और नाही जानने की कोशिश की. तो चलो आज हम इस लेख में उन 14 विद्या और 64 कला के बारे में जानेंगे. और उनमे से कौन सी वह विद्या और कला है जो हमें आती है. इनमे से बहुत सारे शब्द संस्कृत से जुड़े है. जिसका अर्थ हिंदी या English भाषा में जानना मुश्किल है.

 14 Knowledge and  64 Arts

*4 वेद:-  1. ऋग्वेद 2. यजुर्वेद 3. सामवेद 4. अथर्ववेद
*6 वेदांग:-
1. शिक्षा:-  सीखाना, सिखना. अध्ययन और अध्यापन
2. व्याकरण:- भाषा में शब्द का उपयोग कैसे और किस तरह से होता है यह बताने का शास्त्र
3. निरुक्त:- वेदों में वर्णन किये गए कठिन शब्दों को जानने का मार्ग
4. छंद:- शब्दों को काव्यात्मक रूप से सही ढंग से गान रूप देना   ही छंद  कहा जाता है
5. ज्योतिष्य:- ग्रह की गति, भविष्य तथा कालचक्र को समझनेकी विद्या
6. कल्प:- धार्मिक विधि-विधान तथा कर्मकांड को दर्शाया गया शास्त्र
*11. न्याय  12. मीमांसा 13. पुराण 14. धर्मशास्त्र
यह कुल मिलाकर 14 विद्याएँ हुई।

* 64 कला (चौसठ)

1. धातु शोधन:- कच्चा-पक्का तथा मिश्र धातु को शोधन कर्म या उस मिश्र धातु को अलग करने की कला
2. वास्तु विद्या:- भवन/महल, House निर्माण की कला
3. शुकसारिका:- तोते की भाषा समझने वाला
4. छंद और अभिधान कोष:- मूल्याङ्कन शब्द और छंद का ज्ञानी
5. छल विद्या:- चलाखी से लोगों को फ़साने की कला
6. वस्त्र गोपन (सिलाई):- फटे कपडे सिलना
7. जलतरंग:- पानी से भरे बर्तन को वाद्य साधन के तहत ध्वनि निर्माण करने की क्रिया
8. शैय्या रचना:- बिस्तर या सेज  को सजाना
9चित्रकला:- चित्र, कला-कौशल, अंकित करने की कला
10. अभिनय:- नाटक में Acting की कला
Arts, Skills, Knowledge
विद्या-वीणा 
11. पानक रस:- शराब और पेयजल तैयार करने की कला
12. दुर्वाच:- निश्चित रूप से कठिन शब्दों का अर्थ निकालना
13. आकर ज्ञान:- निधि/खनिज के विषय का ज्ञान
14. वृक्षायुर्वेद:- बाग़ बगीचा, कुंज सजाने की कला पेड़-पौधे का तपेदिक
15पट्टिका वेत्रवाण कल्प:- बिस्तर खटिए के लिए कपड़ा बुनने की कला
16. अनुशासनिक:- विनयशीलता, सभ्यता का ज्ञानी
17. व्यायाम विद्या:- अखाडा, व्यायाम के बारे में पूरी जानकारी रखनेवाला
18. विजय कौशल विद्या:- दुसरो पर विजय पाने का कला -
19. बालक्रीड़ा कर्म:- बच्चों का मनोरंजन करने की कला
20. पाक-विपाक:- खाना पकाने की क्रिया, Cook
21. पुस्तक वाचन:- काव्यालंकार, साहित्य, ग्रन्थ पढ़ने की कला
22. भाषाज्ञान:- अनेक भाषा, देश-विदेश की भाषा को जाननेवाला
23. प्रहेलिका:- कूट प्रश्न, उखाने या काव्य रूपात्मक सवाल करना
24. कौचुमार:- भद्दा या विकृत मनुष्य के चेहरेपर लालित्य/चारुता लाने की कला
25. प्रतिमाला:- अंताक्षरी में माहिर या जिसके पास उसकी कला हो
26. हस्तलाघव:- हाथ से शिल्पकला बनाने की क्रिया
27. आकर्षण:- दूसरों का प्रलोभित या आकर्षित करना
28. काव्य समस्यापूर्ति:- आधे में छोड़े  गए काव्य को पूरा करना या कविता करना
29. मणिभूमिका:- भूमिपर मणियोंसे रचना करने की कला
30. धारण मातृका:- यादाश्त को बढ़ाना, प्रज्ञा शक्ति
31. सम्पाठय:- दूसरों की बोली की नक़ल करना
32. अत्तर विकल्प:- फूल से इत्र तैयार करने की कला
33. यंत्र मातृका:- विभिन्न यंत्रो का निर्माण करना
34. गन्धयुक्ति:- सुगन्धित लेप, चूर्ण बनाना
35. द्यूत क्रीड़ा:- जुआ खेलना (Gambling)
36. क्रिया विकल्प:- माल या सामान के प्रभाव को बदल देना
37. मानसी काव्यक्रिया:- त्वरित काव्य की रचना करना
38. आभूषण:- सोने-चांदी और मोती-रत्न से शरीर की सजावट करने की कला
39. केशशेखर:- किरीट/मुकुट और बालो को फूलों से सजाने की क्रिया
40. मेष कुक्कुट लावक:- युद्ध विधि मुर्गी, बकरा, साँप-नेवले आदि प्राणियों की लड़ाई लगानेवाला 
41. माल्यग्रथन:- चोटी, माला, तोरण हार बनाना
42. विशेष कच्छेद ज्ञान:- माथेपर लगाए जानेवाले तिलकों का ढांचा तैयार करने की कला
43. मणिराग:- वर्ण, रंग से रत्न की परीक्षा करके उसकी पहचान करना
44. पुष्प शकटिका निमित्त ज्ञान:- स्वाभाविक लक्षणों से भविष्य बताना
45. तंडुल कुसुमावलि:- सफ़ेद, वर्णित चावल से और फूलों से चित्र या रंगोली निकालना
46. संगीत कला:- संगीत का गहन ज्ञान रखनेवाला
47. नृत्य कला:- नाट्य कला
48. केशमार्जन:-  सिर को तेल की मालिश करने की कला
49. उदकघात:- जलविहार, रंगीन पानी से पिचकारी बनाना
50. नेपथ्य:- मौसम के अनुसार वस्त्राभूषण का चयन करना
51. पुष्पास्तरण:- फूलों से कलाकृति कर बिस्तर सजाना
52. कर्णपत्र:- पत्ते और फूल से कान  की बालियाँ  बनाना 
53. उत्सादन:- शरीर को तेल मालिश करना या रगड़ना
54. दंश वसन क्रिया:- दाँत, कपडे और तन को सजाना
55. रत्नरौप्य परिक्षण:- अमूल्य रत्न और विशेष धातुओं का परिक्षण करना
56. तुर्क कर्म:- चरखा चलना या चरखे से धागा निकालना
57. तक्षण कर्म:- लकड़ी पर नक्शी का कला निकालने की कला
58. अक्षर मुष्टिका कथन:- हाथ के उँगलियो  से सम्भाषण करने के की कला
59. सूत्र सूचिकर्म:- कपडे पर रफू करना
60. म्लेंछीत कला विकल्प:- परभाषा ज्ञान की जानकारी होना
61. माल्य ग्रन्थ विकल्प:जो कपड़ों के बारे में विशेष ज्ञान रखता हो
62. चित्रकला:- जो रेती से चित्र निकालने की कला को जानता हो. या रेती से कलाकृति बनाता हो
63. इंद्रजाल:- जादू-टोना, मन्त्र-तंत्र की विज्ञा का ज्ञान
64. कायाकल्प:- वृद्ध व्यक्ति को युवा बनाना या उसे अपनी कला से युवा जैसा दिखाना


शास्त्र और पुराण के अनुसार यह थी 64 कलाँए. अभी के समय में आदमी हो या औरत उनमे बहुत सारि Skills देखने को मिलती है परन्तु कहीं कही वह सभी Arts  or  skills इन्ही 64 कलाओं में किसी एक कला का प्रतिरूप होंगी।  

8 comments:

  1. Very precious knowledge shared by gurudev I thankful to you.
    RADHE RADHE

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  2. हमारी प्राचीन सभ्यता कितनी बेहतरीन थी
    पर इसमें आपने रसायन भी है जो आप अच्छे से बता सकते है

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  3. Bahut achhi jankari jo ek Hindu ko pata honi chahiye

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  4. jai shiree Kalki Avatar maharaj

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