स्वाहा
स्वाहा यह शब्द हमने
बहुत बार सुना है कभी मंदिर में या किसी पंडित जी को पूजा या हवन करते समय या
कभी-कबार अपने खुद के घर में हवन कराते
समय या किसी के पूजा में हिस्सा लिए जब. जब अग्नि में आहुति दी जाती है तब स्वाहा
कहकर हवन सामग्री या हविर्द्रव्य को अग्नि में समर्पित किया जाता है. स्वाहा ऐसा केवल हवन, यज्ञ, या नित्य अग्निहोत्र करते समय ही उपयोग किया
जाता है. इसके अलावा कुछ ऐसे बीज मन्त्र होते है जिनके अंत में स्वाहा शब्द का
प्रयोग केवल जाप करते समय ही किया जाता है.