Monday, February 18, 2019

Rudraksha- Benefits of Rudraksha in Hindi, रुद्राक्ष की महिमा

इस Article में आप
रुद्राक्ष की महिमा  
रुद्राक्ष की उत्पत्ति
रुद्राक्ष क्यों धारण करना चाहिए और Rudraksh के कुछ Interesting facts
इन सभी विषयों की जानकारी आप को यहां पर पढ़ने को मिलेगी.

रुद्राक्ष 

“रूद्र” का मतलब

"रुत संसाराख्यं दुःखं तत द्रावयति इति रुद्रः"
अर्थात:- सांसारिक दुखों को नाश करनेवाला 'जो भगवान सभी भक्तो के दुःख और संसार के समस्याओं को नाश करता है भला उस शिव के नेत्र से उत्पन्न हुआ वह रुद्राक्ष  कितना पवित्र, शक्तिशाली, और  Powerful  होगा इसकी कल्पना करना असाध्य है.


रुद्राक्ष का वर्णन अनेक पुराणों में देखने को मिलता है. जैसे की देवी भागवत, शिव पुराण, स्कन्द पुराण इत्यादि... रुद्राक्ष मणि या माला धारण किये व्यक्ति को  शिव की उपाधी दी गयी है. Rudraksha हर कोई धारण कर सकता है इसे  के लिए कोई वर्ण या जाती का बंधन नहीं है. रुद्राक्ष धारण किया मनुष्य सभी पापोंसे छूट जाता है.

दिव्य वर्ष सहस्त्रं तु चक्षुः उन्मीलितं मया पश्चन्ममा कुलाक्षीभ्य: पतिता जलबिंदव:!!
तत्र अश्रुबिंदुतो जाता महारुद्राक्ष वृक्षका: ! ममाज्ञया महासेन सर्वेषां हित काम्यया !!

इस श्लोक के अनुसार भगवान् शिव के नेत्र से बहे अश्रु बिंदु से रुद्राक्ष का वृक्ष बना. रुद्राक्ष के प्रमुख 4 रंग होते है White, Red, लाल और सफेद और Brown. कुछ पुराण ग्रंथो के अनुसार रुद्राक्ष 38 प्रकार के होते हैपरन्तु प्राय: 21 प्रकार या 21 मुखवाले रुद्राक्ष ही देखने को मिलते है और उनमे से केवल 1 से 14 मुखी तक Rudraksha सहज रूप से मिलने की संभावना है. रुद्राक्ष Bhagwan Shiv” को अत्यंत प्रिय है. रुद्राक्ष पेड़ पर फल की तरह उगता है और उस फल के अंदर बीज होता है उस बीज को ही रुद्राक्ष कहाँ जाता है जब वह सूख जाता है तब उसे के उपरी भाग पे रेखाएँ गिरती है उस रेखा से ही वह कितना मुखी है यह ज्ञात होता है

Rudraksha big size mala
Rudraksha Mala


अधिकतम 3 मुखी से 8-9 मुखी रुद्राक्ष गोलाकार के होते है, 9 से 14 तक अंडाकार के होते है. 1, 2 मुखी रुद्राक्ष बादाम के आकर के होते है और कुछ अर्ध चंद्राकार अर्थात आधा चाँद जैसे होते है. हम सभी इसे रुद्राक्ष मणि कहते है. इन सभी के बावजूद पंचमुखी रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष के मणि सबसे अधिक पाए और पहने जाते है. 5 मुखवाले रुद्राक्ष के मणि प्राय: सभी आकार में मिलते है छोटे से लेकर बड़े मणि तक. छोटे मणि देखने में हूबहू बेर के बीज जैसे होते है और उसके ऊपर बनी रेखांए भी अस्पष्ट होती है.
 हर 1 मुखी रुद्राक्ष की अलग पहचान है. रुद्राक्ष के मुख से उसकी महिमा उसके धारण से लाभ और उसे Represent करनेवाले भगवान् जी के बारे में पुराण और शास्त्र में विस्तृत रूप से बतलाया गया है.
 रुद्राक्ष यह संस्कृत का Word है रूद्र अर्थात शिव अक्ष का मतलब आँख. शिव का नेत्र या शिव के नेत्र से उत्पन्न हुआ. इंग्लिश में इसे Elaeocarpus Ganitrus (एलाओकार्पस गनीट्रस) कहा जाता है, परन्तु पुरे भारत वर्ष में और कई अनेक देश में इसे रुद्राक्ष ही कहा जाता है.

 रुद्राक्ष की उत्पत्ति

जहां जहां भगवान शिव के अश्रु बिंदु धरती पर गिरे वंहा-वंहा रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई. अधिकतर रुद्राक्ष की खेती  भारत,India और नेपाल में देखि गयी है इसके अलावा Sri Lanka, Indonesia, South-East, Asia गुआम, ताइवान इत्यादि... देशों में भी कुछ हद तक पाए जाते है.  Nepal में मिले रुद्राक्ष अधिक पवित्र और प्राकृत होते है. प्रस्तुत: समय में रुद्राक्ष हर एक तीर्थ क्षेत्र में देखने को मिलते है. वैसे रुद्राक्ष का उगम स्थान नेपाल को माना जाता है. रुद्राक्ष में असली और नकली होना साधारण सी बात है. अभी के समय असली रुद्राक्ष हरिद्वार, काशी, Rameswaram ऐसे अनेक पवित्र शिवक्षेत्र में मिलते है जो अधिकतर वास्तविक होने का प्रमाण मिलता है.
Rudraksha Mala, Rudraksha Mani
Rudraksha Mala Big Size

 असली रुद्राक्ष की पहचान:-

* रुद्राक्ष को पानी में डालने से डूबता है और दूध में डालने से तैरने लगता है या वह दूध दही बन जाता है
* नकली रुद्राक्ष पानी में डालने से उसका रंग छूटने लगता है वही इसके विपरीत 
असली रुद्राक्ष का रंग नहीं छूटता.
* असली रुद्राक्ष कांटेदार होता है उसकी रेखाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।   
इसके अलावा रुद्राक्ष को   ताम्बे के तार के बीच में या किसी ताम्बे बर्तन के बीच में रखने से वह अपने-आप   घूमने लगता है अथवा अपनी जगह से हिलने लगता है यह प्रक्रिया अनुभव सिद्ध है
* प्राकृतिक रुद्राक्ष की एक अलग ही सुगंध होती है. 
इसके अलावा और कई सारे उपाय है जिससे असली रुद्राक्ष की पहचान की जा सकती है. बोली भाषा में नकली रुद्राक्ष को भद्राक्ष कहा जाता है. 

रुद्राक्ष के कुछ Interesting facts

* रुद्राक्ष भगवान पशुपति नाथ शंकर का आभूषण है.
* रुद्राक्ष यह एक दिव्य औषधि जिसका उपयोग दिमागी और शारीरिक बाधाओं को दूर करता है.
* रुद्राक्ष मन को सदा शांत और प्रसन्न रखता है.
* रुद्राक्ष धारण करने से जादू-टोना, Black-magic, मंत्र -तंत्र  या किसी बुरी शक्ति का Nagetive प्रभाव मनुष्य पर नहीं पड़ता.
* रुद्राक्ष सभी पाप कर्म को मिटाता है.
* रुद्राक्ष की माला से जाप करने से तुरंत सिद्धि मिलती है और मनो कामना पूर्ण होती है.
* रुद्राक्ष गर्भवती महिला के लिए बहुत Beneficial है.
* रुद्राक्ष  को कोई भी धारण कर सकता है. जैसे की ब्रम्हचारी, गृहस्थ, वानप्रस्थी या कोई साधु-सन्यासी किसी को कोई बंधनता नहीं है.
* रुद्राक्ष धारणकर मनुष्य कुंडलिनी शक्ति को जागृत कर सकता है.
* रुद्राक्ष केवल आध्यत्मिक दृष्टी से लाभदायी है यह Scientific and Ayurvedic दृष्टी से बहुत लाभदाई है जैसे की रुद्राक्ष सकारात्मक शक्ति को प्रभावी Vibrations को शरीर की ओर छोड़ता है जिससे मनुष्य के विचार और बुद्धि Positive बन जाती है.

* रुद्राक्ष मानसिक,शारीरिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और Economic विकास का स्रोत है और तो और
 यह एक Positive source पाने का मार्ग है.

3 comments:

  1. आपकी जानकारी सही है। परंतु शिव महापुराण में 4प्रकार के रुद्राक्ष बताते गये है। 1.सफेद(ब्राह्मण) 2.लाल(क्षतिय) 3.पीला (वैश्य) 4.काला (शूद्र ) धारण करने को बताया गया है। सही शुद्ध रूद्राक्ष उसमे छेद स्वयं होता है।

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  2. मेरे पास भी है मुझे नागा साधु ने दिया था उस क्या अभिमंत्रित करवाना पड़ेगा pls tell mi

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  3. Deri se reply karane ke liye mujhe khed hai. Rudraksha ko abhimantrit karana avashyak hai. Rudraksha svayam pavitra hai parantu manushya dwara usaka upyog karne se use baar baar shuddha kiya jata hai.

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