Thursday, June 30, 2016

Pragya vivardhan stotra

यह स्तोत्र स्वामी कार्तिकेय भगवान् पर रचाया गया है. कार्तिकेय भगवान् शिव-पार्वती के पुत्र है. यह स्तोत्र का वर्णन रुद्रयामल तंत्र नामक ग्रन्थ में किया गया है. इस स्तोत्र में कार्तिकेय भगवान् जी के 28 नामो का वर्णन किया Gaya है. यह स्तोत्र अति प्रभावशाली है. South India में कार्तिकेय "सुब्रम्हण्य" नाम से प्रसिद्ध है.

!! प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र !!

अस्य श्री प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र मन्त्रस्य सनत्कुमार ऋषि: स्वामी कार्तिकेयो देवता अनुष्टुप छन्द : मम सकल विद्या सिध्यर्थे , प्रज्ञा वृध्यर्थे प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र पारायणे विनियोग: !!


Wednesday, June 29, 2016

Reincarnation and Karma (Punarjanam)

       पुनर्जन्म और कर्मविपाक

पिछले जनम में किया हुआ या अगले जनम  में क्या होगा  इसके बारे में कभी हमने अधिक सोचा नहीं। समस्याओंके समाधान के लिए पूजा-पाठ करते देखा है , कभी-कबार पिछले जनम का किया हुआ पाप इस जनम में भोग रहे है ऐसा कहते हुए भी सुना है, या ऐसा खुद कहा है. क्या वस्तुत: यह सब सत्य है? क्या अच्छा कर्म पाप को नष्ट करता भी है ? तो चलो हम उसे जाननेकी कोशिश करेंगे क्या कहते है हमारे शास्त्र और बुजुर्ग लोग !

Monday, June 27, 2016

Betel Nut ( Supari)

 सुपारी का महत्व

हिन्दू पूजा में पान के साथ, बूढ़े-बुजुर्ग पान के साथ खाने में, औषधि के लिए , भगवान के प्रतिरूप में ऐसे अनेक कार्यो में सुपारी का इस्तेमाल होते देखा गया है. क्यों सुपारी का इस्तेमाल हिन्दू पूजा-पाठ में होता है ? तो चलो इसके पिछे का रहस्य और लाभ जान लेते है.

पुराण कथा के अनुसार 

एक बार भगवान गणेश जी वेदव्यास जी को पूछते है " कलियुग में लोगोंको पता नहीं चलेगा महाभारत हुआ भी है या नहीं इसकी कोई निशानी मिलेगी मनुष्य को ? व्यास जी कहते है - धनुर्धर अर्जुन महाभारत के याद के रूप निशानी छोड़ेगा!

Friday, June 17, 2016

Kalash importance in Pooja

     कलश का महत्व

             क्यों कलश की पूजा की जाती है ? क्या कहते है शास्त्र तथा विज्ञान 

कलश जब पूजा-पाठ, या गृहप्रवेश की बात आती है तब हम पहले कलश के बारे में सोचते है या कलश का जिक्र किया जाता है , शादी के रस्म में , मंदिर प्रतिष्ठापना के बारह वर्ष पूर्ण होनेपर जिसे कुम्भाभिषेक कहते है जिसे कलश को पूजा की जाती है उस कलश से मंदिर के कलश या शिखर को अभिषेक किया जाता है. यह पूजा विशेष तरह से होती है. शादी के बाद वधु पहलीबार वर के घर प्रवेश करते समय भी चावल या धान्य के कलश को लांघकर आती है जिसे वधुप्रवेश कहा जाता है.

Tuesday, June 14, 2016

Why do we light a lamp?

                                                 दीपक 

                                भगवान के सामने दीपक क्यों जलाया जाता है ?


जानिए आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पहलुओंको
दीपक  या दिया सनातन वैदिक हिंदू धर्म में अपनी विशेष स्थान  पाया  है. दिया जलाना मतलब मन से, अश्रद्धा को निकालना और ज्ञान रुपी परमेश्वर को जगाना या भगवान को आव्हानीत करना. यह एक  सूर्य की भांति  तेज का प्रतीक (निरपेक्ष आग का सिद्धांत) है. दीपक जिसका अर्थ है "प्रकाशअंधकार की ओर से प्रकाश का मार्ग दिखलानेका एक जरिया
'तमसो मा ज्योतिर्गमय"अज्ञान के अधंकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर लेके जाने की प्रार्थना में यह मंत्र पढ़ा जाता है. एक दीपक काफी है जो एक अंधकार को दूर करनेके  लिए. तो चलो जान लेते है सनातन धर्म में क्या कहा गया है दीपक के बारे में !

Friday, June 10, 2016

The importance of applying Tilak on forehead

                                                     तिलक धारण का महत्व

                                                  जानिए आध्यात्म तथा विज्ञान क्या कहता है !

हिन्दू धर्म में तथा हिन्दु रीती-रिवाज में तिलक धारण की अनिवार्यता बताई गई है. तिलक के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता अगर वह किया जाता है तो उसे शुभ नहीं माना जाता ऐसी अनेक धारणाए है !


                                कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
                                 ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।
अर्थात :- चन्दन या माथेपर प्रतिनित्य तिलक धारण करनेसे लक्ष्मी, अच्छी बुद्धि, शांति तथा धैर्य बल की प्राप्ति होती है. जो मनुष्य इसका नित्य उपयोग करता है.

Wednesday, June 08, 2016

Scientific facts hidden behind Hindu wedding ritual

शादी की रस्मों के पीछे छुपे वैज्ञानिक रहस्य

स्त्री हो या पुरुष शादी एक महत्वपूर्ण रस्म मानी गयी ही जो एक बार ही की जाती है. वर-वधु एक दूसरे साथ जीवनभर साथ रहनेकी कस्मे खाते है. शादी एक बहुत जटिल तथा विश्लेषणीय विषय है. हर एक रस्म, रीति-रिवाज अनेक माईने रखते है, हर एक रस्म के पीछे वर-वधु का लाभ और आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक कारण छुपा हुआ है.
भारतीय शादियों में कई रस्में निभाई जाती है. हालाँकि कई लोग ऐसा मानते हैं कि ये रस्में केवल अंधविश्वास हैं परंतु आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इनमें से कई रस्मों के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है.

Friday, June 03, 2016

Ekadashi and Benefits of Fasting

                                 एकादशी का महत्व और उपवास करने से लाभ


एकादशी तिथि महीने में २ बार आती है पूर्णिमा के बाद 11th Day और अमावस के बाद का 11th Day यह २ दिन एकादशी कहलाते है अर्थात हिन्दू पंचांग के अनुसार ११ वा दिन. जिसे हम शुल्कपक्ष और कृष्णपक्ष की एकादशी तिथियां कहते है. कुल मिलाकर १२ महीनों में २४ एकादशी तिथियां आती है हर एक एकादशी अलग-अलग नाम से जानी जाती है इतनाही नहीं बल्कि हर एक एकादशी के पीछे एक-एक कथा भी प्रचलित है. इस Article में आप सभी एकादशी तिथियों के बारे में उसके महत्त्व और उपवास करने से क्या लाभ होता है इन सभी विषयों के बारे पढ़ सकते है.