चोटी
शिखा
या चोटी रखना यह
प्रथा प्राचीन काल से चलते
आ रही है. शिखा
रखने का अधिकार हर
एक मनुष्य को है इसमें
कोई विशेष समुदाय के वर्ग या
जाती का उल्लेख नहीं
किया गया है.
शास्त्र
के अनुसार शिखा रखने का
प्रमाण गाय के पाँव
के खुर या सहस्रार
चक्र जितना रहना चाहिए. Shikha का अत्यधिक महत्व है हिंदू संप्रदाय में.प्रान्त
स्थान-मान के अनुसार शिखा की आकृति अनेक रूपों में देखि गयी है.
Choti
से जुड़े उनके प्रसंग
पुराणों में पढ़ने को
मिलते है.