Friday, July 29, 2016

27 Nakshatra Chapter 7

                       २७ नक्षत्र (भाग-7)


21) उत्तराषाढानक्षत्र-
उत्तराषाढानक्षत्र देवता- विश्वदेव, नक्षत्र स्वामी- रवि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- कटहल, नक्षत्र पर्याय वृक्ष- कांचन, नक्षत्र चरणाक्षर- भे, भो,जा,जी,   नक्षत्र प्राणी- मुंगुसनक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- स्थिर नक्षत्र गण- मनुष्य.
जन्म नक्षत्र फल :-  धार्मिक देवभक्त, विनय गुण से संपन्न,भारी मात्रा में मित्र और अपने लोगोंमे रहनेवाला, कृतज्ञ और सुन्दर दिखनेवाले होते है !

Saturday, July 23, 2016

27 Nakshtra Chapter 6

 २७ नक्षत्र (भाग-6)


17) अनुराधा
नक्षत्र- अनुराधा, नक्षत्र देवता- मित्र , नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नागकेशर, नक्षत्र पर्याय वृक्षबकुल ( मोलसिरि),  नक्षत्र चरणाक्षर- ना,नि,नू,नेनक्षत्र प्राणी- हिरननक्षत्र तत्व- पृथ्वीनक्षत्र स्वभाव- सत्व ,   नक्षत्र गण- देव
जन्म नक्षत्रफल:-   जो अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेता है वह धनवान, विदेश वासी या विदेश से लगाव रहनेवाला, अधिक भूक से बाधित, और सदा घूमनेवाला, प्रयाणप्रिय !

Monday, July 18, 2016

Important's Of Guru Poornima

Guru Purnima is an Indian and Nepalese festival dedicated to spiritual and academic teachers. This festival is traditionally celebrated by Hindus, Jain's and Buddhists, to pay their respects to their teachers and express their gratitude.

               गुरु पूर्णिमा का महत्व

                  जानिए गुरु तथा गुरु  पूर्णिमा की विशेषता

गुरु पूर्णिमा जिसे आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है जो जुलाई या अगस्त महीने में आती है जिस दिन चन्द्रमा पूर्ण होता है, हमें इस दिन का महत्व पता करते हैं। लेकिन गुरु पूर्णिमा के विवरण में जाने से पहले हमें गुरु की महानता तथा उनकी महत्वता के बारे में जानना अनिवार्य है . हिंदू धर्म में गुरु अर्थात शिक्षक ऐसा अर्थ होता है, जो हमें जीने की राह दिखाए जो हमें ज्ञान प्रदान करता है वह गुरु कहलाता है. हिंदू धर्म में Guru को भगवान का दर्जा दिया गया है।

Friday, July 15, 2016

27 Nakshtra Chapter 5

                            २७ नक्षत्र (भाग-5)


१३) हस्त
नक्षत्र- हस्त, नक्षत्र देवता- सुर्य, नक्षत्र स्वामी- चंद्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- चमेली , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- रिठा
नक्षत्र चरणाक्षर- पू,,, , नक्षत्र प्राणी- भैंस , नक्षत्र तत्व- वायु, नक्षत्र स्वभाव- रज  , नक्षत्र गण- देव
नक्षत्र जन्मफल:- उमंग से भरपूर, धैर्यवान, जो पेय- जल से सम्बंधित वस्तु का प्रेमी, दयावान, और कालांतर से बुद्धि में बदलाव आने से चोरी का मार्ग अपनानेवाला।

Tuesday, July 12, 2016

27 Nakshatra Chapter 4

                        २७ नक्षत्र (भाग-4)

9) आश्लेषा
नक्षत्र- आश्लेषा, नक्षत्र देवता- सांप , नक्षत्र स्वामी - बुध, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नागकेसर ( लाल) , नक्षत्र पर्यायी वृक्ष -उंडी , नक्षत्र चरणाक्षर - डि,डू,डे,डो, नक्षत्र प्राणी- बिल्ली , नक्षत्र तत्व - जल , नक्षत्र स्वभाव- तीक्ष्ण  नक्षत्र गण- राक्षस.               
नक्षत्र जन्मफल:- जिद्दी स्वाभववला, अधिक आशावादी, पापकर्म निरत, और कृतघ्न , मदतगार को भूलनेवला ! 
विशेष:- इस नक्षत्र में जन्म लेनेवाले मनुष्य की नक्षत्र शांति पूजा करना अनिवार्य है.

Thursday, July 07, 2016

27 Nakshtra Chapter 3

                    २७ नक्षत्र (भाग-3)


) मृगशीर्ष
नक्षत्रमृगशीर्षनक्षत्र देवता- चंद्र  , नक्षत्र स्वामीमंगळ  , नक्षत्र पूजनीय वृक्ष - काला कत्था , नक्षत्र ऐच्छिक वृक्ष- पीपल  , राशी व्याप्ती - वे, वो, चरण वृषभ राशी में , का, की चरण मिथुन राशी मेंनक्षत्र प्राणीसांप  , नक्षत्र तत्व- वायु  , नक्षत्र गण- देव , नक्षत्र स्वभाव- मृदु.
मृगशीर्ष नक्षत्र वाले मनुष्य के गुण:-  चतुर-चपल, उमंग से भरपूर, धनि, और सुख का भोग लेनेवाले !

Tuesday, July 05, 2016

27 Nakshatra Chapter 2

                     २७ नक्षत्र (भाग-२)

पने जन्म नक्षत्र दोष को या अपने जन्म कुंडली के अनुसार नक्षत्र ग्रह दोष निवारण के लिए निचे दिए गए नक्षत्र देवता या नक्षत्र के स्वामी की आराधना कर सकते है. ज्योतिष्य शास्त्र के अनुसार हर एक नक्षत्र से जुड़े अपने-अपने गुण-धर्म होते है जिसका उल्लेख बृहत जातक , पाराशरी , होरा इत्यादि ग्रन्थोमे किया गया है.  जैसे की उनके स्वभाव-गुण , नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय या वृत्ति और परिहार मन्त्र . हम अपने नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय करके लाभ प्राप्त कर सकते है.

Saturday, July 02, 2016

27 Nakshatra's (Stars) & Their origin Chapter 1

ज्योतिष्य एक विशाल और जटिल शास्त्र है जिसे समझनेमें और पढनेमें सालो लग जायेंगे. ज्योतिष्य शास्त्र को वेद नारायण भगवान का अंग कहा जाता है जिसमे ज्योतिष्य शास्त्र को  वेद के "आँखे" कहा गया है. जैसे की मनुष्य के शरीर में आंखोंको उच्च दर्जा दिया गया है. मनुष्य के शरीर में कुछ हो ना हो पर आँखे होनी चाहिए ऐसा कहा जाता है. "मनुष्याणां नयनं प्रधानं" इस वचन के अनुसार आंखोंको अधिक महत्वपूर्ण माना गया ऐसा देखा जा सकता है. उसी तरह मनुष्य के जीवन में अगर भविष्य तथा शकुन-अपशकुन जाननेका ज्ञान हो तो उसका जीवन सुखमय हो जाएगा इस बात को मध्य नजर रखते हुए साक्षात भगवान नारायण द्वारा ज्योतिष शास्त्र की रचना की गयी. मनुष्य का जीवन नवग्रहों पर आधारित है ऐसा सिद्ध हो चुका है. जिसमे मनुष्य के जन्म नक्षत्र और जन्म राशि के अनुसार फल मिलता है तथा उसके जीवन में सुख-दुःख ,उतार-चढ़ाव आते है. आज हम उन नक्षत्रों तथा राशि के बारे में जाननेवाले है ! 

Friday, July 01, 2016

Mangal Sutra, a symbol of good luck

                                                        मंगलसूत्र

                                 क्या शादीशुदा स्त्री मंगलसूत्र पहनना जरूरी है ?


मंगल सूत्र हर एक शादीशुदा गृहीणिका सौभाग्य का प्रतीक होता है. जिस के बिना वह अधूरी है ऐसा कहा जाता है. आज भी हर एक गृहिणी अपने अखण्ड सौभाग्य के लिए पूजा-पाठ , व्रत जैसे नियमों का पालन करते रही है हमारे पूर्वज, बढे-बुजुर्ग शादी-शुदा गृहिणी  अपने गले से मंगल सूत्र कभी अलग नहीं करती चाहे कुछ भी हो  जाए. मंगलसूत्र, माथे पर सिन्दूर, हाथ में कंगन, और  पाव में बिछुए यह सब सौभाग्य के प्रतीक है!