Friday, July 15, 2016

27 Nakshtra Chapter 5

                            २७ नक्षत्र (भाग-5)


१३) हस्त
नक्षत्र- हस्त, नक्षत्र देवता- सुर्य, नक्षत्र स्वामी- चंद्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- चमेली , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- रिठा
नक्षत्र चरणाक्षर- पू,,, , नक्षत्र प्राणी- भैंस , नक्षत्र तत्व- वायु, नक्षत्र स्वभाव- रज  , नक्षत्र गण- देव
नक्षत्र जन्मफल:- उमंग से भरपूर, धैर्यवान, जो पेय- जल से सम्बंधित वस्तु का प्रेमी, दयावान, और कालांतर से बुद्धि में बदलाव आने से चोरी का मार्ग अपनानेवाला।


नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय:-  कारीगर, यांत्रिकी, गहने निर्मात विशेषज्ञ, शारीरिक श्रम, कसरत, सर्कस कलाकार, आविष्कारक, प्रकाशक, प्रिंटिंग उद्योग, कार्ड डीलर, जुआरी, बैंकर, लेखाकार, टाइपिस्ट  क्लीनर, नौकरानी, मालिश, रासायनिक उद्योग, वस्त्र उद्योग, टैरो कार्ड पाठक, ज्योतिषी, नीलामकर्ता, मिट्टी के बरतन कर्ता, इंटीरियर डेकोरेटर, माली, खाद्य उत्पादन, नावी, मूर्तिकार, पेशेवर हास्य अभिनेता, भाषण चिकित्सक, परीक्षण कलाकार, जादूगर और चोरी में माहिर !
पौराणिक मंत्र:-  सवितारहं वंदे सप्ताश्चरथ वाहनम्
  पद्मासनस्थं छायेशं हस्तनक्षत्रदेवताम् ll
नक्षत्र देवता नाममंत्र : सवित्रे नमःनक्षत्र नाम मंत्र: हस्ताय नमः !
नक्षत्र पीड़ा परिहार मंत्र: - हस्तस्याधिपतीः सूर्यो जगदात्मा तथैवच !  सर्वारिष्ट विनाशाय भास्कराय  नमो नमः !!
Star's 



१४) चित्रा
नक्षत्र- चित्रा, नक्षत्र देवता- त्वष्टा , नक्षत्र स्वामी- मंगळ, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- बेल , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- बकूल 
नक्षत्र प्राणी- बाघ , नक्षत्र तत्व- वायुनक्षत्र स्वभाव- तीक्ष्ण ( तम),  नक्षत्र चरणाक्षर- पे,पो,रा,री, 
नक्षत्र गण- राक्षस
नक्षत्र जन्मफल:- अधिक रंग-बेरंगी कपड़े, आभूषण, सजावट के वस्तु पहनना पसंद करनेवाला या पहननेवाला, बड़े तेजस्वी आँखे और सुन्दर दिखनेवाला.
नक्षत्र से जुडी वृत्ति:- आर्किटेक्ट, डिजाइनर, मूर्तिकार, कारीगर, फैशन डिजाइनर, कॉस्मेटिक डिजाइनर, प्लास्टिक सर्जन, फोटोग्राफर, ग्राफिक कलाकार, संगीतकार, प्रसारक, इंटीरियर डिजाइनर, गहने डिजाइनर, फेंग शुई विशेषज्ञ, आविष्कारक, मशीनरी के उत्पादन का व्यापारी, बिल्डर, चित्रकार , पटकथा लेखक, सेट डिजाइनर, कला निर्देशक, थिएटर कलाकार, झांज संगीतकार, औषधि माहिर, विज्ञापन, बहुमुखी प्रतिभाशाली।
पौराणिक मंत्र:-  त्वष्टारं रथमारूढं चित्रानक्षत्रदेवताम् l  
शंखचक्रान्वितकरं किरीटिनं अहं भजे !!
 नक्षत्र देवता नाममंत्र: त्वष्ट्रे नमःl   नक्षत्र नाम मंत्र: चित्रायै नमःl
 नक्षत्र पीडा परिहार मंत्र:- त्वष्ट्राॠक्ष अधिपश्चैव भक्त संरक्षकस्तथा !  सर्वारिष्ट विनाशाय त्वष्ट्राधिप नमोनमः !!

१५) स्वाती
नक्षत्र- स्वाती , नक्षत्र देवता- वायुनक्षत्र स्वामी- राहु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- अर्जुननक्षत्र पर्याय वृक्ष- जरुल
नक्षत्र चरणाक्षर- रू,रे,रो,तानक्षत्र प्राणी- भैंसानक्षत्र तत्व- अग्नीनक्षत्र स्वभाव- सत्वनक्षत्र गण- देव
नक्षत्र जन्मफल:- दमनशील इंद्रिय निग्रह रखनेवाला मेहनती व्यापारी, कृपा का पात्र धर्म का आचरण करके प्रिय वचन से सब का मन प्रसन्न करनेवाला !
नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:-  व्यवसाय और व्यापार, खेल, गायक, संगीतकार, हवा उपकरण, अन्वेषक, स्वतंत्र उद्यमी, पायलटशोधकर्ता, सेवा व्यवसाय, सॉफ्टवेयर उद्योग, चरम खेल, शिक्षक, राजदूत, वकील, न्यायाधीश, राजनीतिज्ञ, संघ के नेता, राजनयिक परिचारिक, योग प्रशिक्षक, से जुड़े काम में दिलचस्पी रखनेवाले !
पौराणिक मंत्र:- वायुवरं मृगारुढं स्वाती नक्षत्र देवताम् l  
खड्ग चर्मोज्वल करं धुम्रवर्ण नमाम्यहम ll    
नक्षत्र देवता नाममंत्र:- वायवे नमःनक्षत्र नाम मंत्र: स्वात्यै नमःl
नक्षत्र पीडाहर मंत्र:-  स्वर्वेद्यावश्वीनौ देवौ व्दिभुजौ शुक्लवर्णकोसर्वारिष्ट विनाशाय अश्विभ्यांवै नमो नमः !!


१६) विशाखा
नक्षत्र- विशाखा, नक्षत्र देवता- इंद्राग्नीनक्षत्र स्वामी- गुरू , नक्षत्र आराध्य वृक्ष- बबूल ( नागकेशर )   नक्षत्र पर्याय वृक्ष- पारिजातनक्षत्र गण- राक्षसनक्षत्र प्राणी- बाघ , नक्षत्र चरणाक्षर- ती,तो,ते,तू .     
नक्षत्र तत्ववायु,   नक्षत्र स्वभाव- रज.
नक्षत्र जन्मफल:- द्वेषी जो दूसरे पर जलने वाला, लोभी, परन्तु तेजस्वी, बोलने में समर्थ वाग्मी, हरबात पर जघडनेवाला।
नक्षत्र से जुड़े काम और व्यवसाय:- शोधकर्ता, वैज्ञानिक, सैनिक, सैन्य नेता, लेखक, राजनेता, वकील, सार्वजनिक वक्ता, आव्रजन अधिकारि, पुलिस गार्ड, मजदूर, फैशन मॉडल, भाषण (प्रसारक) से जुड़े व्यवसाय, धार्मिक कट्टरपंथि, नर्तक, शराब का व्यापारी आदि विषयोंमें रूचि रखनेवाले हो सकते है
पौराणिक मंत्र:-  इंद्राग्नी शुभदौ स्यातां विशाखा देवतेशुभे l  
नमामि करथारुढौ वराभयकरांबुजौ !!
नक्षत्र देवता नाममंत्र: इंद्राग्नीभ्यां नमः !  नक्षत्र नाम मंत्र: विशाखाभ्यां नमःl
नक्षत्र पीडा परिहार मंत्र:- स्वर्वेद्यावश्वीनौ देवौ व्दिभुजौ शुक्लवर्णको ! सर्वारिष्ट विनाशाय इंद्राग्नीभ्यां नमोनमः !!