भाद्रपद
माह के कृष्ण
प्रतिपदा से श्राद्ध
शुरू होते है यानी September के महीने में, उन 15 दिनों
को पितृपक्ष या
महालय भी कहा जाता
है, जो की
विशेषरूप से पितरोंके
लिए माने जाते
है. इन 15 दिनों में
मृत माता-पितरोंका
श्राद्ध, दान-धर्म,
तर्पण, पिण्डप्रदान किया जाता
है, कहा जाता
है ऐसा करनेसे
पितरोंको मुक्ति मिलती है
तथा उनका आशीर्वाद
बना रहता है.
Wednesday, September 21, 2016
Monday, August 29, 2016
अग्नि की महत्ता तथा हवन (अग्निहोत्र) से लाभ
हमारे
हिन्दू परंपरा में हर
एक पूजा में
हवन करनेकी प्रथा
हजारो सालोंसे चलती
आ रही है
, कही पे शांति
हवन, तो कही
पे शुद्धि हवन
और तो कही
पे लोक कल्याण
यज्ञ या हवन
किया जाता है.
हवन, होम,
यज्ञ, याग इन
अलग-अलग नामोसे
अग्नि भगवान् को
जाना जाता है.
विशेषकर नवरात्र, दीपावली, गृहपूजा
और नवोग्रहों की
पीड़ा दूर करनेके
लिए वैसे उत्तर
तथा दक्षिण भारत
में हर
एक पूजा
के बाद हवन
करते है.
Wednesday, August 17, 2016
क्यों हम शनिवार को हनुमान जी की पूजा करते है ?
ऐसा देखा गया
है की शनिवार
आते ही भक्त
लोग हनुमान के
मंदिर को जाते
है तेल , फूल,
फल आदि चढ़ाके
हनुमान चालीस पढ़ते है
,पूजा करते है
और शक्तिनुसार परिक्रमा
करते है. आज
भी देखा गया
है हर एक
गाव के सीमापर
एक हनुमान का
मंदिर होता है
कहते है हनुमान
जी रक्षा करते
है उस गाव
की जिस गाव
के सीमापार हनुमान
जी का मंदिर
होता है.
Tuesday, August 09, 2016
मंदिर की रचना
देवालय की वास्तु तथा नियम
मंदिर के वास्तु को ३ विभागोंमें बाटा है. उत्तर हिमालय से विंध्य पर्वत तक नागर शैली नाम से , विंध्य पर्वत से कृष्णा नदी तक वेसर शैली नाम से और तीसरी द्राविड़ शैली नाम से जानी जाती है. उत्तर की वास्तु शैली को काश्यप वास्तु और दक्षिण वास्तु शैली को भृगु संहिता वास्तु के नाम से जाने जाते है. इनके तहत जो मध्यम वास्तु है जिसे कृष्णा नदी तक है वह वास्तु नागर और द्राविड़ वास्तु का प्रतिनिधित्व रखता है.
Friday, August 05, 2016
नाग पंचमी
नाग पूजन व प्राचीन मान्यताए
हमारा देश धार्मिक,
आस्था और विश्वास
का देश है.
हमारे यहाँ पूजा-पाठ विश्वास
एवं श्रद्धा-भक्ति
से किए जाते
है जिस परम्परा
का हम हजारो
सालो से पालन
करते आ रहे
है. हमारे पुर्वजोने
जो कुछ भी
रीती-रिवाज बनाए
है उन नियमो
के पीछे मनुष्य
कल्याण मात्र छुपा हुआ
है जैसे की
नाग पंचमी के
बारे क्या कहते
है देखेंगे श्रावण
महीनों के दौरान
नाग पंचमी त्योहार का बड़े
श्रद्धा-भक्ति के साथ
जश्न से मनाया
जाता है इसके
पीछे कई कारण
है उनमेसे एक
कारण यह है
कि यह समय
मानसून का होता
है और तकरीबन
हर दिन बारिश
बरसती रहती है
भारी बारिश के
दौरान सांप उनके
बिल से बाहर
आते हैं और
घूमते हैं, जिससे
मनुष्य के लिए
एक खतरा हो
सकता हैं।
Tuesday, August 02, 2016
२७ नक्षत्र
नक्षत्र के अनुसार मनुष्य की आयु (भाग-8)
26) उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र- उत्तराभाद्रपदा, नक्षत्र देवता- अहिर्बुधन्य, नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नीम
नक्षत्र पर्याय वृक्ष- आमला , नक्षत्र चरणाक्षर-, नक्षत्र प्राणी- गाय, नक्षत्र तत्व- जल, नक्षत्र गण- मनुष्य, नक्षत्र स्वभाव- रज .
जन्म नक्षत्रफल:- जिनका जन्म इस नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति अधिक बोलनेवाले,सुखी, शत्रुपर विजय प्राप्त करनेवाले होंगे तथा धर्म पर निष्ठा रखकर अपने पुत्र ,परिवार के साथ आनंद से रहेंगे !