Monday, June 27, 2016

Betel Nut ( Supari)

 सुपारी का महत्व

हिन्दू पूजा में पान के साथ, बूढ़े-बुजुर्ग पान के साथ खाने में, औषधि के लिए , भगवान के प्रतिरूप में ऐसे अनेक कार्यो में सुपारी का इस्तेमाल होते देखा गया है. क्यों सुपारी का इस्तेमाल हिन्दू पूजा-पाठ में होता है ? तो चलो इसके पिछे का रहस्य और लाभ जान लेते है.

पुराण कथा के अनुसार 

एक बार भगवान गणेश जी वेदव्यास जी को पूछते है " कलियुग में लोगोंको पता नहीं चलेगा महाभारत हुआ भी है या नहीं इसकी कोई निशानी मिलेगी मनुष्य को ? व्यास जी कहते है - धनुर्धर अर्जुन महाभारत के याद के रूप निशानी छोड़ेगा!


अर्जुन के पास गांडीव धनुष्य और अक्षय पात्र था जो भगवान अग्नि-नारायण के वर से प्राप्त हुआ था. महाभारत युद्ध होने के बाद ,कलियुग के प्रारंभ में  अग्नि-नारायण अपना दिया हुआ गांडीव और  अक्षय पात्र वापस लौटानेको  अर्जुन से कहते है! अगर अपनी इच्छा होतो उसे एक बार उपयोग कर दे सकते है ! " अर्जुन उस बात का सम्मान कर धनुष्य को प्रणाम कर व्यास जी का स्मरण कर  पृथ्वी की तरफ छोड़ता है. आपने देखा होगा सुपारी का वृक्ष बहुत लम्बा होता है ऊपरी हिस्से में अर्थात पेड़ के कुछ ही डाले होती है.

बाकी बचा हुआ सुपारी के फूल के साथ उसका झुण्ड होता है. और आपने धनुष्य को भी देखा होगा जो की तकरीबन एक से देढ हाथ लम्बा उसके सामने नुकीले त्रिभुज आकर जैसा अस्त्र लगा होता है और धनुष्य के पिछली हिस्से में मोर या तोते जैसे पंख वाले पत्ते या वस्तु लगी होती है.
अब कल्पना कीजिये जब अर्जुन ने धनुष्य छोड़ा पृथ्वी की तरफ वह धनुष्य वैसे निचे आते-आते पेड़ के रूप में बदल गया जैसा सुपारी का पेड़ होता है. व्यास जी की कृपा प्रसाद के रूप में यह सुपारी का वृक्ष पृथ्वी पर अवतरित हुआ इसके प्रतिनिधित्व भगवान गणेश है. इसलिए तब से यह वृक्ष पूजनीय माना जाता है. कहते है की सुपारी को साक्षात् गणेश जी का स्वरुप मानकर भारत के कई स्थानों पर पूजा की जाती है. यह तो पुराण की बात हो गयी तो चलो अभी और अधिक जान लेते है!


Supari & Areca tree

सुपारी का उपयोग और हिन्दू प्रथा 
सुपारी दैनिक या कर्मकांडों पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है. यह भी लोकप्रिय भारतीय खाने के लिए  पुराने-रिवाज में प्रयोग किया जाता है. सुपारी अहंकार है कि भगवान की वेदी पर की पेशकश की जानी चाहिए की अखरोट का प्रतीक है. ऐसा नहीं है कि भगवान के समक्ष आत्मसमर्पण किया जाना चाहिए मुश्किल है, सुपारी मोटे गुणों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका अर्थ यह है मनुष्य का अहंकार भले ही बड़ा हो या कठोर हो उसे भगवान के सामने त्यागना या तोड़ना पड़ता है जैसे सुपारी को फोड़ा जाता है खाने के लिए या और अलग इस्तेमाल के लिए
ज्यादातर प्रतीकात्मक सुपारी कई बार पारंपरिक रूप से नौ ग्रह पूजा में ग्रह के रूप में प्रतिनिधित्व मानकर पूजा जाता  है और विभिन्न पूजाओंके  के दौरान आठ दिशा के अधिपति ( अष्ट लोकपाल ) की पूजा में भी उपयोग करते देखा है. कभीकभार सुपारी का उपयोग  इंसान की अनुपस्थिति दूर करनेके लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
महाराष्ट्र में पत्नी की उपस्थिति महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों में बहुत जरूरी है. लेकिन अगर वह दूर हो या मर चुकी  है, तो  एक सुपारी को अपने पहने हुए धोती में लपेटकर पत्नी की अनुपस्थिति को नजरअंदाज करते  हैंबंगाल में सुपारी जादुई कामो में जैसे काला जादू , तंत्र , वाममार्ग में उपयोग किया जाता है, सुपारी को पूजकर उसको  रात में तकिये के नीचे रखा जाता है, ताकि नींद में व्यक्ति सपने में अपने भविष्य को देख सके। अलग-अलग प्रथा के अनुसार सुपारी का उपयोग किया जाता है।  विशेष रूप से भगवान को शादी का , बड़े यज्ञ-यागादि में, मंदिर की प्रतिष्ठा में न्यौता देने के लिए पान तथा सुपारी का इस्तेमाल किया जाता है.

सुपारी का इतिहास
यह दक्षिण, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत बेसिन में इसका  लंबा इतिहास रहा है. अन्य प्रशांत द्वीपों के साथ गुआम में, इसका उपयोग आस-पास 2,000 साल पुराना लगता है.

औषधि तथा आयुर्वेद में सुपारी सेवन से लाभ
सूखे मुंह से राहत:- व्यक्तियों, जो सुपारी चबाना  इंटेल स्वास्थ्य के अनुसार लार की काफी मात्रा में, बनाने के लिए एक प्रवृत्ति है. यह शुष्क मुँह मधुमेह और  सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के द्वारा लाया के साथ व्यक्तियों मदद कर सकता है. इंटेल स्वास्थ्य बताते हैं कि सुरक्षित दवाओं की बिक्री इस लक्षण को कम करने के लिए कर रहे हैं.
एनीमिया को रोकता है :-  सुपारी गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के साथ निपटने के लिए एक दवा की तरह कई वर्षों के लिए उपयोग में किया गया है। वे गंभीर लोहे की कमी और कम रक्त शर्करा के स्तर के लिए बनाने के लिए अच्छा कर रहे हैं। अक्सर, हालांकि मध्यम, सुपारी का उपयोग एक लोहे की कमी से निपटने में मदद कर सकता है.
पेट में हुए कीड़ों से राहत:- उपभोक्ता सुपारी पेट के कीड़े सिर्फ फीता कृमि और भी गोल तरह के उपचार में सहायता करते हैं। यह मदद मिलेगी पेट के कीड़े के साथ जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए. सुपारी सबसे अच्छा  Vermiform पेट के कीड़े को निष्कासित करने में मदद करता  हैं.

मधुमेह नियंत्रित करता  हैं:-  एरिकोलैन  सुपारी में मौजूद जैव रसायन के बीच है. यह विशेष रूप से जैव-रासायनिक मधुमेह पर काफी नियंत्रण करने के लिए विश्लेषण किया गया है. जानवरों पर टेस्ट कर काफी समय अवधि के लिए रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रण को दिखाया  अन्य अनुसंधान में मधुमेह की संभावना की वृद्धि के साथ सुपारी चबाने से जोड़ दिया है.
अध: पतन:-  सुपारी एंटी जो पुराने लोगों के भीतर सेलुलर अध: पतन से बचने में मदद मिलती है.
उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है:-  अध्ययनों से पता चला है कि टैनिन सुपारी में निहित एंजियोटेनसिन मैं और द्वितीय दोनों की प्रतिक्रिया बाधा से उच्च रक्तचाप गतिविधि के प्रबंधन में सहायक होता  हैं.
 मतली  को रोकता है :-  सुपारी चबाने वाली मतली को रोकने में मदद करता है. सुपारी सिर्फ उल्टी की अनुभूति से बचने के लिए यात्रा से पहले चबाया जाता  है.
पेट की समस्या :-   सुपारी चबाने से पेट की समस्याओं को जैसे की  अपचन , दस्त और पेट दर्द जैसे तकलिफोंको दूर करता है
अतिरिक्त गर्मी से छुटकारा :-  सुपारी चबाने वाली एक मानव के शरीर के माध्यम से अत्यधिक गर्मी कम करने में मदद करता है  उपभोक्ता पान के पत्तों के साथ सुपारी गर्मी के दिनों में काफी फायदेमंद हो सकती  है।