Tuesday, May 07, 2019

Akshay Tritiya का महत्व


क्यों ? खरीदा जाता है सोना अक्षय तृतीया के दिन 

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का तीसरा दिन ही अक्षय तृतीया का दिन होता है. English Calender के अनुसार May का महीना. 
हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया को अधिक महत्व है. अधिकतर लोग अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरेदी करते है. कहा जाता है की इस दिन लिया गया Gold हर साल बढ़ते रहता है अर्थात सोने की वृद्धि होती रहती है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार साडे तीन मुहूर्तो में से एक है अक्षय तृतीया का मुहूर्त.
अपने सामर्थ्य के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन कुछ ना कुछ खरीदना चाहिए।अक्षय तृतीया के दिन की हर एक घटी हर एक पल शुभ होता है इस दिन किसी विशेष शुभ चौघड़ि, राहु काल, गुलिक काल या अमृत काल को देखनेकी आवश्यकता नहीं होती.  

"अक्षय" का अर्थ है कभी क्षय ना होनेवाला या शाश्वत. Inexhaustible !

क्या करना चाहिए अक्षय तृतीया के दिन ?

अधिकतर भारत के सभी राज्यों में अक्षय तृतीया कापर्व  पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग कुछ ना कुछ खरीदते है जैसे की सोना,वस्त्र,वाहन,घर इत्यादि.. इस दिन किया गया धार्मिक कर्म का फल दुगना मिलता है. इस दिन किया गया दान-धर्म कभी क्षय नहीं होता. विशेषकर अक्षय तृतीया के दिन किसी धार्मिक पूजा-पाठ या हवन करने से या किसी पूजा में भाग लेने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है.
 
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Akshay तृतीया के दिन किया गया गंगा स्नान मनुष्य द्वारा किये गए हर पाप को मिटाता है.
भगवान् श्री कृष्ण:-  युधिष्ठिर से कहते है ! जो कोई भी मनुष्य इस तिथि के दिन दान-धर्म, तीर्थस्नान, हवन, देव और पितर सम्बंधित कर्म करता है वह कर्म कभी क्षय नहीं होता वह कर्म सदा अक्षय या अविनाशी होता है. इसीलिए इसे अक्षय तृतीया कहते है.
विशेषकर इस दिन मृत पितरो और पूर्वजो को तिलांजलि दी जाती है एक मान्यता के अनुसार तिल के साथ छोड़ा गया पानी पिने के लिए पूर्वज पितर लोक से आते है ऐसी धारणा प्रचलित है.

  अक्षय तृतीया के  दिन की कुछ विशेषताएं

1. हिन्दू पंचांग के अनुसार चार युग होते है. सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग
पुराण के अनुसार सत्ययुग/कृतयुग की शुरुवात अक्षय तृतीया को हुयी थी.
2. दशावतारों में  से एक भगवान् विष्णु का छठा अवतार परशुराम अवतार अक्षय तृतीया के दिन हुआ था. अर्थात Akshay तृतीया के दिन परशुराम का जन्म हुआ.
3. देवों के कोषाध्यक्ष कहे जानेवाले यक्षराज कुबेर को निधि की प्राप्ति इसी दिन हुयी थी. कुबेरनिधि कभी क्षय या समाप्त नहीं होती इसीलिए अमीर लोगो को कुबेर की उपमा दी जाती है.
4. ऋषि भगीरथ के प्रयत्न से माँ गंगा भगवान् शिव जी के जटा से भूमिपर अवतरित हुयी थी वह दिन अक्षय तृतीया का था.
5. वेदव्यास ऋषि द्वारा महाभारत ग्रन्थ रचना के समय विघ्नहर्ता गणेश जी ने सहकार्य किया था वह दिन भी अक्षय तृतीया का था.
6. अमृत प्राप्ति के लिए देव और दानवो ने मिलकर जब समुद्र मंथन किया था तब समुद्र मंथन से माँ लक्ष्मी अवतरित हुयी थी वह दिन अक्षय तृतीया का था अर्थात Akshay Tritiya माँ लक्ष्मी का जन्म दिन है.
7. अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनारायण मंदिर के द्वार खुलते है.

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