Monday, April 15, 2019

Mantra for education सरस्वती स्तोत्र


इस स्तोत्र को ऋषि याज्ञवल्क्य जी ने रचाया है. इस स्तोत्र में विद्या, Skills, स्मरण शक्ति, प्रज्ञा शक्ति, बुद्धि और कवित्व प्राप्ति के लिए Education की देवी माँ सरस्वती की स्तुति की गयी है. इस स्तोत्र में कुल 27 श्लोक है.


Friday, April 05, 2019

Ugadi Hindu New Year

चांद्रमान युगादी

हिन्दू पंचांग के अनुसार चांद्रमान पद्धति के आधार पर चैत्र माह में प्रतिपदा के दिन नए साल की शुरुवात होती है जिसे की हम सब युगादी या नूतन संवत्सर कहते है. युग + आदि अर्थात युग की शुरुवात.
Karnataka, Andhra Pradesh, तेलंगाना में इसे उगादी कहते है और महाराष्ट्र में गुड़ी पाडवा.
इन सभी प्रान्त के लोग बड़े हर्षोल्लास से नया साल मनाते है !

Friday, March 29, 2019

Shikha-सिर पर चोटी रखने के फायदे

चोटी

शिखा या चोटी रखना यह प्रथा प्राचीन काल से चलते रही है. शिखा रखने का अधिकार हर एक मनुष्य को है इसमें कोई विशेष समुदाय के वर्ग या जाती का उल्लेख नहीं किया गया है.
शास्त्र के अनुसार शिखा रखने का प्रमाण गाय के पाँव के खुर या सहस्रार चक्र जितना रहना चाहिए. Shikha का अत्यधिक महत्व है हिंदू संप्रदाय में.प्रान्त स्थान-मान के अनुसार शिखा की आकृति अनेक रूपों में देखि गयी है. 
Choti से जुड़े उनके प्रसंग पुराणों में पढ़ने को मिलते है.

Saturday, March 23, 2019

Benefits of wearing Rudraksha in Hindi

१ से १४ मुखी रुद्राक्ष 

रुद्राक्ष बदल सकता है आप का भाग्य !


रुद्राक्ष मूलं तद्ब्रम्हा तन्नालम विष्णुरेव !
तन्मुखं रूद्र इत्याहुः ततबिंदु: सर्व देवता: !!

रुद्राक्ष का मूल भाग ब्रम्हा, नाल (छेद) भाग विष्णु और मुख भाग रूद्र को दर्शाता है. और रुद्राक्ष पे विद्यमान सभी कांटे या बिंदु सभी देवता स्वरुप को दर्शाते है.
वैसे तो 1-21 मुखी तक Rudraksha देखे गए है.परन्तु 15 से 21 मुखी तक रुद्राक्ष के बारे में अधिक जानकारी ना होने से इसके मिलने की गुंजाइश भी नहीं की जा सकती.

Tuesday, March 19, 2019

Benefits of doing achaman (आचमन)


आचमन

आचमन का अर्थ हैपीना” अर्थात एक-एक चमच 3 बार पानी पीना. शायद आप ने देखा होगा किसी पंडित को, धार्मिक कर्म में किसी व्यक्ति को, या किसी ब्राम्हण को संध्या करते समय या किसी को पूजा करते समय 3 बार पानी पीकर 4थि बार हाथ धोया जाता है इसे ही आचमन कहा कहा जाता है. तन-मन और वाणी शुद्धि के लिए 3 चमच पानी पिया जाता है. यह परंपरा अनादि काल से चलते रही है यह ऋषि-मुनियों की देन है. यह प्रथा कुछ ऐसे ही नहीं बनी. इसके पीछे बहुत गहरा अर्थ है और आचमन करना आरोग्य की दृष्टी से यह बहुत लाभदाई है. 

Friday, March 15, 2019

Interesting story behind the name of Govinda

तिरुपति बालाजी 

     क्या आप जानते है तिरुपति बालाजी को गोविंदा नाम से क्यों पुकारा जाता है?

तिरुपति के बालाजी के दर्शन को जाते समय हरेक भक्त गोविंदा-गोविंदा कहकर नामोच्चार करता है. Tirupati के बालाजी दक्षिण भारतीय भक्तो के लिए वेंकटेश, श्रीनिवास या वेंकटरमणा कहलाते है.
बालाजी को गोविंदा नाम आने के पीछे एक अद्भुत और आश्चर्यजनक कथा हैश्री विष्णु भगवान के 24 प्रिय नामों में से 4था नाम है गोविंदा.