Sunday, May 29, 2016

The Story Of Vat Savitri

      जानिए स्त्रियों को अखण्ड सौभाग्य देनेवाला वट-सावित्री व्रत के बारे में

सावित्री और सत्यवान की कथा सबसे पहले महाभारत के वनपर्व में मिलती है। जब युधिष्ठिर मार्कण्डेय ऋषि से पूछ्ते हैं कि क्या कभी कोई और स्त्री थी जिसने द्रौपदी जितनी अपने पतिसे  भक्ति प्रदर्शित की?

तब मार्कण्डेय ऋषि कहते है :-
सावित्री प्रसिद्ध तत्त्वज्ञानी राजर्षि अश्वपति की एकमात्र कन्या थी। अपने वर की खोज में जाते समय उसने निर्वासित और वनवासी राजा द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान् को पतिरूप में स्वीकार कर लिया। जब देवर्षि नारद ने उनसे कहा कि सत्यवान् की आयु केवल एक वर्ष की ही शेष है तो सावित्री ने बडी दृढता के साथ कहा- जो कुछ होना था सो तो हो चुका। माता-पिता ने भी बहुत समझाया, परन्तु सती अपने धर्म से नहीं डिगी!

Wednesday, May 25, 2016

Why do we do Parikrama ?

          परिक्रमा (प्रदक्षिणा

प्रदक्षिणा यह संस्कृत का शब्द है, हिंदी में परिक्रमा कहते है. हिन्दू परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ मेंयज्ञ -यागादि में अग्नि की  तुलसी , पीपल, आत्म तथा मंदिर की परिक्रमा करने की प्रथा अनादि काल से चलते रही है. अग्नि की परिक्रमा हिन्दू विवाह में एक महत्वपूर्ण रिवाज है जिसके बिना शादी अधूरी रह जाती है, तुलसी की परिक्रमा तो आज हर एक सुहागन को करते देखते है जो सदा सुहागन रहनेके लिए की जाती है.

Monday, May 23, 2016

Scientific & Spiritual facts behind the Hindu temple

 मंदिर को जाने से लाभ तथा मंदिर से जुड़े कुछ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तथ्य 


हिन्दू के हर एक रीती-रिवाज में पीछे बहुत गहरा अर्थ छुपा हुआ है , आज जिसे पाश्चात्य लोग संशोधन कर रहे है. आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिकता से कुछ पहलू को आज हम जानेंगे. भारत देश अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। पूरे देश के हर कोने में हिंदू मंदिर प्रतिष्ठित है. ये मंदिर अलग-अलग भगवानों और देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व रखते  हैं हिन्दू धर्म में तेहतीस करोड़ देवी-देवता है ऐसा मानना है.

Sunday, May 22, 2016

Significance Of Conch Shell (Shankh)

The Conch plays a very important role in Hindu rituals. Also, there are a few interesting facts about the conch which you would be amazed to know. 


                     शंख  का आध्यात्मिक  एवं  वैज्ञानिक महत्व 

    शंख का किस देवता से संबंध है? विष्णु जी को शंख सबसे प्रिय माना जाता है, शंख भगवन विष्णु का पांचवा शस्त्र है। इसे पांचजन्य शंख कहा जाता है , यह कृष्ण भगवान का आयुध है.

शंख की उत्पत्ति 

शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह रत्नों में से एक है। शंख की उत्पत्ति जल से ही होती है। जल ही जीवन का आधार है, सृष्टि की उत्पत्ति भी जल से हुई, इसलिये शंख हर तरह से पवित्र है, दुर्भाग्य से मुक्ती पाने का यह सबसे अच्छा तरीका है. विष्णु पुराण के अनुसार शंख लक्ष्मी जी का सहोदर भ्राता है। यह समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह रत्नों में से एक है। शंख को विजय, समृध्दि, यश और शुभता का प्रतीक माना गया है.

Thursday, May 19, 2016

Why do we use coconuts in Puja?

                       नारियल की विशेषता 


क्या आप जानते है की प्रार्थना के बाद  भोग (नैवेद्द) के रूप में नारियल का उपयोग मनुष्य की बलि होने से बचाने के लिए किया गया था
जानिए नारियल के बारे में हिन्दू रीती-रिवाज,और कुछ परम्परा ऐसे ही नहीं बने है. हर एक कर्म के पीछे एक सत्य , विशेषता और मानव का लाभ छुपा हुआ हैअनादि काल में यज्ञ- यागादि में मनुष्य-प्राणी की बलि दी जाती थी ऐसा सुना है हो ना हो इस प्रक्रिया को रोकने के लिए प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के रूप में नारियल की बलि देने की प्रथा का आरम्भ हुआ