Tuesday, August 09, 2016

Architecture of the Temple

   

            मंदिर की रचना

               देवालय की वास्तु तथा नियम

मंदिर के वास्तु को विभागोंमें बाटा है. उत्तर हिमालय से विंध्य पर्वत तक नागर शैली नाम से , विंध्य पर्वत से कृष्णा नदी तक वेसर शैली नाम से और तीसरी द्राविड़ शैली नाम से जानी जाती है. उत्तर की वास्तु शैली को काश्यप वास्तु और दक्षिण वास्तु शैली को भृगु संहिता वास्तु के नाम से जाने जाते है. इनके तहत जो मध्यम वास्तु है जिसे कृष्णा नदी तक है वह वास्तु नागर और द्राविड़ वास्तु का प्रतिनिधित्व रखता है.

Friday, August 05, 2016

Naag Panchami

  नाग पंचमी

 नाग पूजन प्राचीन मान्यताए 

हमारा देश धार्मिक, आस्था और विश्वास का देश है. हमारे यहाँ पूजा-पाठ विश्वास एवं श्रद्धा-भक्ति से किए जाते है जिस परम्परा का हम हजारो सालो से पालन करते रहे है. हमारे पुर्वजोने जो कुछ भी रीती-रिवाज बनाए है उन नियमो के पीछे मनुष्य कल्याण मात्र छुपा हुआ है जैसे की नाग पंचमी के बारे क्या कहते है देखेंगे श्रावण महीनों के दौरान नाग पंचमी  त्योहार का बड़े श्रद्धा-भक्ति के साथ जश्न से मनाया जाता है इसके पीछे कई कारण है उनमेसे एक कारण यह है कि यह समय मानसून का होता है और तकरीबन हर दिन बारिश बरसती रहती है भारी बारिश के दौरान सांप उनके बिल से बाहर आते हैं और घूमते हैं, जिससे मनुष्य के लिए एक खतरा हो सकता हैं। 

Tuesday, August 02, 2016

27 Nakshatra Chapter 8

                         २७ नक्षत्र

                 नक्षत्र के अनुसार मनुष्य की आयु (भाग-8)


26) उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र- उत्तराभाद्रपदानक्षत्र देवता- अहिर्बुधन्य, नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नीम
नक्षत्र पर्याय वृक्ष- आमलानक्षत्र चरणाक्षर-,  नक्षत्र प्राणी- गाय, नक्षत्र तत्व- जल, नक्षत्र गणमनुष्य,  नक्षत्र स्वभाव- रज .
जन्म नक्षत्रफल:-  जिनका जन्म इस नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति अधिक बोलनेवाले,सुखी, शत्रुपर विजय प्राप्त करनेवाले होंगे तथा धर्म पर निष्ठा रखकर  अपने पुत्र ,परिवार के साथ आनंद से रहेंगे !

Friday, July 29, 2016

27 Nakshatra Chapter 7

                       २७ नक्षत्र (भाग-7)


21) उत्तराषाढानक्षत्र-
उत्तराषाढानक्षत्र देवता- विश्वदेव, नक्षत्र स्वामी- रवि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- कटहल, नक्षत्र पर्याय वृक्ष- कांचन, नक्षत्र चरणाक्षर- भे, भो,जा,जी,   नक्षत्र प्राणी- मुंगुसनक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- स्थिर नक्षत्र गण- मनुष्य.
जन्म नक्षत्र फल :-  धार्मिक देवभक्त, विनय गुण से संपन्न,भारी मात्रा में मित्र और अपने लोगोंमे रहनेवाला, कृतज्ञ और सुन्दर दिखनेवाले होते है !

Saturday, July 23, 2016

27 Nakshtra Chapter 6

 २७ नक्षत्र (भाग-6)


17) अनुराधा
नक्षत्र- अनुराधा, नक्षत्र देवता- मित्र , नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नागकेशर, नक्षत्र पर्याय वृक्षबकुल ( मोलसिरि),  नक्षत्र चरणाक्षर- ना,नि,नू,नेनक्षत्र प्राणी- हिरननक्षत्र तत्व- पृथ्वीनक्षत्र स्वभाव- सत्व ,   नक्षत्र गण- देव
जन्म नक्षत्रफल:-   जो अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेता है वह धनवान, विदेश वासी या विदेश से लगाव रहनेवाला, अधिक भूक से बाधित, और सदा घूमनेवाला, प्रयाणप्रिय !

Monday, July 18, 2016

Important's Of Guru Poornima

Guru Purnima is an Indian and Nepalese festival dedicated to spiritual and academic teachers. This festival is traditionally celebrated by Hindus, Jain's and Buddhists, to pay their respects to their teachers and express their gratitude.

               गुरु पूर्णिमा का महत्व

                  जानिए गुरु तथा गुरु  पूर्णिमा की विशेषता

गुरु पूर्णिमा जिसे आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है जो जुलाई या अगस्त महीने में आती है जिस दिन चन्द्रमा पूर्ण होता है, हमें इस दिन का महत्व पता करते हैं। लेकिन गुरु पूर्णिमा के विवरण में जाने से पहले हमें गुरु की महानता तथा उनकी महत्वता के बारे में जानना अनिवार्य है . हिंदू धर्म में गुरु अर्थात शिक्षक ऐसा अर्थ होता है, जो हमें जीने की राह दिखाए जो हमें ज्ञान प्रदान करता है वह गुरु कहलाता है. हिंदू धर्म में Guru को भगवान का दर्जा दिया गया है।