Friday, June 10, 2016

The importance of applying Tilak on forehead

                                                     तिलक धारण का महत्व

                                                  जानिए आध्यात्म तथा विज्ञान क्या कहता है !

हिन्दू धर्म में तथा हिन्दु रीती-रिवाज में तिलक धारण की अनिवार्यता बताई गई है. तिलक के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता अगर वह किया जाता है तो उसे शुभ नहीं माना जाता ऐसी अनेक धारणाए है !


                                कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
                                 ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।
अर्थात :- चन्दन या माथेपर प्रतिनित्य तिलक धारण करनेसे लक्ष्मी, अच्छी बुद्धि, शांति तथा धैर्य बल की प्राप्ति होती है. जो मनुष्य इसका नित्य उपयोग करता है.

Wednesday, June 08, 2016

Scientific facts hidden behind Hindu wedding ritual

शादी की रस्मों के पीछे छुपे वैज्ञानिक रहस्य

स्त्री हो या पुरुष शादी एक महत्वपूर्ण रस्म मानी गयी ही जो एक बार ही की जाती है. वर-वधु एक दूसरे साथ जीवनभर साथ रहनेकी कस्मे खाते है. शादी एक बहुत जटिल तथा विश्लेषणीय विषय है. हर एक रस्म, रीति-रिवाज अनेक माईने रखते है, हर एक रस्म के पीछे वर-वधु का लाभ और आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक कारण छुपा हुआ है.
भारतीय शादियों में कई रस्में निभाई जाती है. हालाँकि कई लोग ऐसा मानते हैं कि ये रस्में केवल अंधविश्वास हैं परंतु आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इनमें से कई रस्मों के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है.

Friday, June 03, 2016

Ekadashi and Benefits of Fasting

                                 एकादशी का महत्व और उपवास करने से लाभ


एकादशी तिथि महीने में २ बार आती है पूर्णिमा के बाद 11th Day और अमावस के बाद का 11th Day यह २ दिन एकादशी कहलाते है अर्थात हिन्दू पंचांग के अनुसार ११ वा दिन. जिसे हम शुल्कपक्ष और कृष्णपक्ष की एकादशी तिथियां कहते है. कुल मिलाकर १२ महीनों में २४ एकादशी तिथियां आती है हर एक एकादशी अलग-अलग नाम से जानी जाती है इतनाही नहीं बल्कि हर एक एकादशी के पीछे एक-एक कथा भी प्रचलित है. इस Article में आप सभी एकादशी तिथियों के बारे में उसके महत्त्व और उपवास करने से क्या लाभ होता है इन सभी विषयों के बारे पढ़ सकते है.

Tuesday, May 31, 2016

Importance of Swastik

Four thousand years ago in the Indus Valley civilization finds traces of the swastika. In Buddhism, the swastika shape is shown at the heart of Buddha. Central Asia countries considered an indicator of the swastika as auspicious and good fortune. Worshiped in Nepal as a Heramb. In Mesopotamian weapons to conquer the swastika symbol is used. Hitler adopted the swastika. Similarly, in every religion worship in some form.
Let's see the importance of the Swastika!

                                             स्वास्तिक 


स्वास्तिक की आकृति भगवान श्रीगणेश का प्रतिक, जगत पालनकर्ता भगवान विष्णु  और सूर्य का आसन माना जाता हैं. स्वास्तिक को भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व प्राप्त हैं स्वास्तिक संस्कृत शब्द स्वस्तिका से लिया गया है जिसका अर्थ है शुभ होस्वास्तिक शब्द कोसुऔरअस्ति”  का मिश्रण योग माना जाता है।

Sunday, May 29, 2016

The Story Of Vat Savitri

      जानिए स्त्रियों को अखण्ड सौभाग्य देनेवाला वट-सावित्री व्रत के बारे में

सावित्री और सत्यवान की कथा सबसे पहले महाभारत के वनपर्व में मिलती है। जब युधिष्ठिर मार्कण्डेय ऋषि से पूछ्ते हैं कि क्या कभी कोई और स्त्री थी जिसने द्रौपदी जितनी अपने पतिसे  भक्ति प्रदर्शित की?

तब मार्कण्डेय ऋषि कहते है :-
सावित्री प्रसिद्ध तत्त्वज्ञानी राजर्षि अश्वपति की एकमात्र कन्या थी। अपने वर की खोज में जाते समय उसने निर्वासित और वनवासी राजा द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान् को पतिरूप में स्वीकार कर लिया। जब देवर्षि नारद ने उनसे कहा कि सत्यवान् की आयु केवल एक वर्ष की ही शेष है तो सावित्री ने बडी दृढता के साथ कहा- जो कुछ होना था सो तो हो चुका। माता-पिता ने भी बहुत समझाया, परन्तु सती अपने धर्म से नहीं डिगी!

Wednesday, May 25, 2016

Why do we do Parikrama ?

          परिक्रमा (प्रदक्षिणा

प्रदक्षिणा यह संस्कृत का शब्द है, हिंदी में परिक्रमा कहते है. हिन्दू परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ मेंयज्ञ -यागादि में अग्नि की  तुलसी , पीपल, आत्म तथा मंदिर की परिक्रमा करने की प्रथा अनादि काल से चलते रही है. अग्नि की परिक्रमा हिन्दू विवाह में एक महत्वपूर्ण रिवाज है जिसके बिना शादी अधूरी रह जाती है, तुलसी की परिक्रमा तो आज हर एक सुहागन को करते देखते है जो सदा सुहागन रहनेके लिए की जाती है.