देवी के नौ अवतार तथा विजय दशमी दशहरा का महत्व
१. शैलपुत्री :- शैलपुत्री"
अर्थात हिमालय पर्वतराज की
पुत्री. शिव की
शक्ति या सती
कहलाती है. इस
अवतार में माँ
ने सफेद वस्त्र
पहने हुए हाथ
माला और कमंडलु
धरे हुए है. पर्वतराज
हिमालय की पुत्री
होने से यह
शैलपुत्री कही जाती
है.
२. ब्रम्ह्चारिणी :- यह
नाम ब्रम्हा से
प्राप्त हुआ ऐसा
कहा जाता है.
अपने भूल प्रायश्चित्त
करनेवाली शिव की
सती पार्वती का
यह दूसरा रूप
है. इसके आराधना
से तप, त्याग,
वैराग्य, सदाचार, और संयम
की अभिवृद्धि होती
है !
३. चंद्रघंटा :- यह
माता का तीसरा
स्वरुप है यह
अवतार सुंदरता और
धैर्यता को दर्शाता
है. यह रूप
शांतिदायक और श्रेयस्कर
कहलाता है. युद्ध
के लिए शस्त्रात्र
से अलंकृत दशभुजोसे
सुशोभित दिखाई देती है
!