आचमन
आचमन
का अर्थ है “पीना”
अर्थात एक-एक चमच 3 बार पानी पीना.
शायद आप ने देखा
होगा किसी पंडित को,
धार्मिक कर्म में किसी
व्यक्ति को, या किसी
ब्राम्हण को संध्या करते
समय या किसी को
पूजा करते समय 3 बार पानी पीकर 4थि बार हाथ धोया जाता है इसे ही आचमन
कहा कहा जाता है.
तन-मन और वाणी
शुद्धि के लिए 3 चमच पानी पिया जाता
है. यह परंपरा अनादि
काल से चलते आ
रही है यह ऋषि-मुनियों की देन है.
यह प्रथा कुछ ऐसे ही
नहीं बनी. इसके पीछे
बहुत गहरा अर्थ है
और आचमन करना आरोग्य की दृष्टी से
यह बहुत लाभदाई है.